Sankashti Chaturthi 2023 Dates : 2023 में आनेवाले संकष्टी चतुर्थी उपवास के दिन और चंद्रोदय समय
Sankashti Chaturthi 2023 Dates : पूर्णिमा दिवस से चौथे दिन संकट हारा चतुर्थी मनाई जाती है। भगवान गणेश के कई भक्त संकष्टी चतुर्थी का उपवास करते है और चंद्रमा के उदय के बाद अपना उपवास तोडते है। मित्रों हम आज आपको 2023 में आनेवाले संकष्टी चतुर्थी उपवास के दिन और चंद्रोदय समय बताते है।
Sankashti Chaturthi 2023 Dates : 2023 में आनेवाले संकष्टी चतुर्थी उपवास के दिन और चंद्रोदय समय
January 2023 :10 जनवरी 2023, मंगलवार, सकट चौथ, लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी, चंन्द्रोदय समय रात 09:09
February 2023 : 9 फरवरी 2023, बृहस्पतिवार, द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी, चंन्द्रोदय समय रात 09:40
March 2023 : 11 मार्च 2023 शनिवार, भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी, चंन्द्रोदय समय रात 10:18
April 2023 : 9 अप्रैल 2023, रविवार, विकट संकष्टी चतुर्थी, चंन्द्रोदय समय रात 10:12
May 2023: 8 मई 2023, सोमवार, एकदन्त संकष्टी चतुर्थी, चंन्द्रोदय समय रात 10:12
June 2023 : 7 जून 2023 बुधवार, कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी, चंन्द्रोदय समय रात 11:00
July 2023 : 6 जुलाई 2023, बृहस्पतिवार, गजानन संकष्टी चतुर्थी, चंन्द्रोदय समय रात 10:26
August 2023 : 4 अगस्त 2023 शुक्रवार, विभुवन संकष्टी चतुर्थी, चंन्द्रोदय समय रात 09:39
September 2023 : 3 सितम्बर 2023, रविवार, बहुला चतुर्थी, हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी, चंन्द्रोदय समय रात 09:23
October 2023 : 2 अक्टूबर 2023, सोमवार, विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी, चंन्द्रोदय समय रात 08:35
November 2023 : 1 नवम्बर 2023 बुधवार, करवा चौथ, वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी, चंन्द्रोदय समय रात 08:49
November 2023 : 30 नवम्बर 2023, बृहस्पतिवार, गणाधिप संकष्टी चतुर्थी, चंन्द्रोदय समय रात 08:28
December 2023 : 30 दिसम्बर 2023 शनिवार, अखुरथ संकष्टी चतुर्थी, चंन्द्रोदय समय रात 09:06
संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश जी की पूजा करने से भक्तो की सभी मनोकामनाएं पुर्ण होती हैं और विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश उनके जीवन के सभी दुख और संकटो को दूर कर देते हैं। इस दौरान भगवान श्री गणेश जी की पुजा, आरती, उनके मंत्रो और चालीसा का पाठ पूरी श्रद्धा के साथ करने से शुभ फल प्राप्त होता है। इस दिन भगवान श्री गणेश की पूजा करने से अधिक फल और आशीर्वाद प्राप्त होता है। संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत रखने से भक्तों के सभी प्रकारके दुख दूर हो जाते हैं।
संकष्टी चतुर्थी व्रत की पूजा विधि
संकष्टी चतुर्थी व्रत के सर्वप्रथम प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद भगवान श्री गणेश का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लेना चाहिए। भगवान श्री गणेश की श्रद्धा के साथ पुजा अर्चना के बाद उनको हार, फुल, फल, दुर्वा, तिल, गुड़, लड्डू, चंदन आदि अर्पण करें। भगवान श्री गणेश जी के विविध मंत्रों का जाप करें, उनकी आरती करें, पूरे दिन व्रत रखें और शाम के समय चांद निकलने से पहले फिरसे भगवान श्री गणेश जी की पूजा करें, उनकी कथा का पाठ करें और चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण करें.।
मित्रों आप सभीको संकष्टी चतुर्थी व्रत की शुभकामनाएं। जय श्री गणेश।
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